मिश्रित खेती (mixed farming in hindi) के अंतर्गत फसलों के उत्पादन के साथ-साथ पशुपालन या डेयरी उद्योग भी किया जाता है ।
भारतवर्ष में कृषि के साथ-साथ पशु वर्ग भी जुड़ा हुआ है क्योंकि पशु खेती में शक्ति के मुख्य स्रोत के रूप में प्रयोग में लाए जाते हैं । दूध देने वाली गाय एवं भैंस प्राय: प्रति किसान के पास होती है ।
भारत जैसे देश में जहां खेती में मशीनों का प्रयोग बहुत ही कम किया जाता है ऐसे में यहां मिश्रित खेती (mixed farming in hindi) एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है ।
मिश्रित खेती क्या है | defination of mixed farming in hindi
मिश्रित खेती की परिभाषा - "मिश्रित खेती एक प्रकार की बहुप्रकारीय की खेती है, जिसमें पशुपालन एवं फसल उत्पादन एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं ।"
मिश्रित खेती क्या है इसके लाभ एवं आवश्यकताएं बताएं? | Farming Study |
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मिश्रित खेती के लाभ/गुण | benefits of mixed farming in hindi
मिश्रित खेती के प्रमुख लाभ निम्नलिखित है -
- पशुपालन द्वारा खेती के लिए बैलों की प्राप्ति
- खाद की व्यवस्था
- अतिरिक्त ऊर्जा की प्राप्ति
- उर्वरा शक्ति में वृद्धि
- श्रमिकों का उचित उपयोग
- उप - पदार्थों का सदुपयोग
- निरन्तर आय
- उपयोगी वस्तुओं की प्राप्ति
- प्राकृतिक प्रकोपों से हानि की सम्भावना कम
1. पशुपालन द्वारा खेती के लिए बैलों की प्राप्ति -
प्राय: घर की गाय, भैंस से कृषि के लिए अच्छे बैल एवं भैसे प्राप्त हो जाते हैं और उनके लिए अतिरिक्त धन व्यय करने की आवश्यकता नहीं रहती ।
2. खाद की व्यवस्था -
पशुओं के गोबर व मूत्र से अच्छी खाद प्राप्त हो जाती है ।
3. अतिरिक्त ऊर्जा की प्राप्ति -
पशुओं के गोबर से आधुनिक ऊर्जा के साधन 'गोबर की गैस' प्राप्त की जा सकती है, जो पारिवारिक तथा कृषिगत कार्यों में महत्त्वपूर्ण स्थान रखती है ।
4. उर्वरा शक्ति में वृद्धि -
गोबर की खाद देने तथा चारे व दाल की फसलें उगाने से भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होती है ।
5. श्रमिकों का उचित उपयोग -
फार्म पर काम करने वाले श्रमिकों को पूरे वर्ष रोजगार मिलता रहता है ।
6. उप - पदार्थों का सदुपयोग -
मिश्रित खेती में फसल में उप - पदार्थों का उचित उपयोग हो जाता है, जैसे गेहूँ का भूसा पशुओं के चारे के रूप में काम आ जाता है ।
7. निरन्तर आय -
सहायक उत्पादों जैसे दूध, घी, अण्डे आदि बेचने से किसान को वर्ष भर आय प्राप्त होती रहती है ।
8. उपयोगी वस्तुओं की प्राप्ति -
किसान को अपने परिवार के उपयोग एवं बेचने के लिए दूध, दही, अण्डे, ईंधन आदि प्राप्त हो जाता है ।
9. प्राकृतिक प्रकोपों से हानि की सम्भावना कम -
प्राकृतिक प्रकोप से यदि किसी एक धंधे में हानि होती है, तो दूसरे से उसकी पूर्ति सम्भव है ।
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मिश्रित खेती की आवश्यकताएँ? | mixed farming requirements in hindi
मिश्रित खेती की प्रमुख निम्नलिखित आवश्यकताएँ है -
- अनावश्यक पशुओं को फार्म पर नहीं रखना चाहिए, केवल उतने ही पशु रखने चाहिए जिनका चारा - दाना फार्म से मिल जाए ।
- केवल आर्थिक और उपयोगी पशु ही रखने चाहिए ।
- मिश्रित खेती की सफलता के लिए आवश्यक है कि उचित प्रकार के फसल - चक्र अपनाएँ जाएँ, जिससे कृषक की आवश्यकताओं के साथ - साथ पशुओं की आवश्यकता वाली चारे की फसलें भी उगाई जा सकें ।
- दूध व इससे बनी वस्तुओं जैसे - घी, खोवा आदि की बिक्री की समुचित व्यवस्था होनी चाहिए ।